विश्व ह्रदय दिवस
दुनिया भर में हर साल होने वाली 29 प्रतिशत मौतों की एक प्रमुख वजह हृदय की बीमारियां और हृदयाघात हैं। हृदय की बीमारियों और दिल के दौरे से हर साल 1.71 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। आम लोगों को इन बीमारियों व दिल के स्वास्थ्य का ख़ास ख्याल रखने के प्रति जागरुक करने के मकसद से वर्ष 2000 में 'विश्व हृदय दिवस' मनाने की शुरुआत की गई। अब तक सितम्बर के अंतिम रविवार को 'विश्व हृदय दिवस' मनाया जाता रहा था, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (डब्ल्यूएचओ) की भागीदारी से स्वयंसेवी संगठन 'वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन' हर साल 'विश्व हृदय दिवस' मनाता है। बढ़ते हृदय रोगों की संख्या और पीड़ितों की वजह से ही संयुक्त राष्ट्र ने साल 2000 से हर साल 29 सितंबर को 'विश्व हृदय दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया। साल 2009 और 2010 में संयुक्त राष्ट्र ने 'विश्व हृदय दिवस' की थीम 'ऑफिस में हृदय स्वास्थ' थी और इस साल इसकी थीम है 'वन वर्ल्ड, वन होम, वन हर्ट' यानि 'एक संसार, एक घर और एक दिल', जिसके द्वारा संयुक्त राष्ट्र हर व्यक्ति को अपने हृदय के प्रति जागरूक बनाना चाहता है। एक अनुमान के अनुसार भारत में 10.2 करोड़ लोग हार्ट के मरीज हैं. पूरी दुनियां में 1.73 करोड़ हर वर्ष इस बीमारी के शिकार होकर मर जाते हैं. यदि हालातों पर काबू नहीं किया गया तो हर तीसरे व्यक्ति की मौत हृदय रोग से होगी।
माना जाता है कि हाई ब्लड प्रेशर डाइबिटीज का सही कंट्रोल न करना एवं गुस्सा या चिंता अधिक करने वाले लोगों को जल्द हार्ट अटैक होने की आशंका होती है. इसलिए इससे बचाव के लिए काफी कुछ परहेज रखने की जरुरत है। #जागरूकता दिवस
