ShareChat
click to see wallet page
#satnam waheguru
satnam waheguru - Hukmnama 23/11/25 संध्या वेला धन धन श्री गुरु रामदास जी 656 सतिगुर  प्रसादि Il बहु परपंच करि पर सोरठि 98 धनु लिआवै II सुत दारा पहि आनि  लुटावै II? Il अर्थः कई तरह की ठगीयां करके तू पराया माल लाता है, और ला के तू पुत्र व पत्नी पर आ लुटाता है।१ | मन मेरे भूले कपटु न कीजै Il अंति निबेरा तेरे जीअ पहि लीजै II१II रहाउ।। अर्थः हे मेरे भूले हुए मन! (रोजी आदि के खातिर किसी के साथ) धोखा ्फरेब ना किया कर। आखिर को (इन बुरे कर्मों का) लेखा तेरे अपने प्राणों से ही लिया जाना है।१| रहाउ। Hukmnama 23/11/25 संध्या वेला धन धन श्री गुरु रामदास जी 656 सतिगुर  प्रसादि Il बहु परपंच करि पर सोरठि 98 धनु लिआवै II सुत दारा पहि आनि  लुटावै II? Il अर्थः कई तरह की ठगीयां करके तू पराया माल लाता है, और ला के तू पुत्र व पत्नी पर आ लुटाता है।१ | मन मेरे भूले कपटु न कीजै Il अंति निबेरा तेरे जीअ पहि लीजै II१II रहाउ।। अर्थः हे मेरे भूले हुए मन! (रोजी आदि के खातिर किसी के साथ) धोखा ्फरेब ना किया कर। आखिर को (इन बुरे कर्मों का) लेखा तेरे अपने प्राणों से ही लिया जाना है।१| रहाउ। - ShareChat

More like this