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#Mp #हमारा नर्मदापुरम जिले में भगवान गणेश जी का विसर्जन पूरे रीति रिवाज से संपन्न हुआ,,??!?? दैनिक सिंगाजी समाचार पत्र ✍🏻 पत्रकार अजय सिंह ठाकुर नर्मदापुरम जिले की सभी खबरें पढ़ने के लिए फॉलो करें
हमारा नर्मदापुरम - @thakur,sa9999 सिंह  पत्रकार अजय ठाकुर मंगलवार ०९ 08 सितम्बर २०२५ पर गणपति जी का चतुर्दशी अनन्त विसर्जन विधि विधान से हुआ संपन्न। सिंगाजी समाचार अजय सिंह ठाकुर/ नर्मदापुरम।जिले में एवं तहसीलों में के अवसर पर भगवान अनन्त चतुर्दशी  गणेश का विसर्जन पूरे रीति रिवाज एवं भक्ति ক্িযা যমা हुए संपन्न भजन करत सितंबर २०२५ शनिवार के दिन सुबह से ही गणपति जी के पंडालओ में भक्तों की भरी मात्रा में भीड़ लगी रही, सभी भक्तों ने पूरे विधि विधान एवं रीति रिवाज की पूजा  के साथ भगवान गणेश अर्चना की और सुख समृद्धि की कामना के साथ भंडारों का लाभ उठाया, शाम के समय भगवान गणेश को गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस 3~H तू जल्दी करते हूए पूरे रीति  के साथ भजन कीर्तन और ढोल बाजे डीजे के साथ नृत्य  रिवाज के साथ विसर्जन को संपन्न किया भक्तों ने बताया पारंपरिक रूप से यह मुद्रा शांत ज्ञान, संतुलन और संपूर्ण अस्तित्व की बुद्धिमत्ता को दशार्ती है इसके अलावा, वे विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता होने के कारण उन्हें हर शुभ कार्य के आरंभ में पूजा जाता है और उनकी बैठी हुई स्थिति एक स्थिर और शांत उपस्थिति का प्रतीक है जो बाधाओं को दूर करने और सफलता दिलाने में मदद करती है। @thakur,sa9999 सिंह  पत्रकार अजय ठाकुर मंगलवार ०९ 08 सितम्बर २०२५ पर गणपति जी का चतुर्दशी अनन्त विसर्जन विधि विधान से हुआ संपन्न। सिंगाजी समाचार अजय सिंह ठाकुर/ नर्मदापुरम।जिले में एवं तहसीलों में के अवसर पर भगवान अनन्त चतुर्दशी  गणेश का विसर्जन पूरे रीति रिवाज एवं भक्ति ক্িযা যমা हुए संपन्न भजन करत सितंबर २०२५ शनिवार के दिन सुबह से ही गणपति जी के पंडालओ में भक्तों की भरी मात्रा में भीड़ लगी रही, सभी भक्तों ने पूरे विधि विधान एवं रीति रिवाज की पूजा  के साथ भगवान गणेश अर्चना की और सुख समृद्धि की कामना के साथ भंडारों का लाभ उठाया, शाम के समय भगवान गणेश को गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस 3~H तू जल्दी करते हूए पूरे रीति  के साथ भजन कीर्तन और ढोल बाजे डीजे के साथ नृत्य  रिवाज के साथ विसर्जन को संपन्न किया भक्तों ने बताया पारंपरिक रूप से यह मुद्रा शांत ज्ञान, संतुलन और संपूर्ण अस्तित्व की बुद्धिमत्ता को दशार्ती है इसके अलावा, वे विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता होने के कारण उन्हें हर शुभ कार्य के आरंभ में पूजा जाता है और उनकी बैठी हुई स्थिति एक स्थिर और शांत उपस्थिति का प्रतीक है जो बाधाओं को दूर करने और सफलता दिलाने में मदद करती है। - ShareChat

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