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#गुलज़ार शायरी
गुलज़ार शायरी - उन जख्मों को भरने में वक्त लग ही जाता है , जिनमें अपनों की मेहरबानियां शामिल हो। अभ्युदय साहित्य गुलज़ार उन जख्मों को भरने में वक्त लग ही जाता है , जिनमें अपनों की मेहरबानियां शामिल हो। अभ्युदय साहित्य गुलज़ार - ShareChat

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