ShareChat
click to see wallet page
#कहानियाँ *🌳🦚आज कहानी🦚🌳* *💐💐मां जो आसमान छू गई💐💐* राजस्थान के एक छोटे से गाँव में *सविता देवी* नाम की एक महिला रहती थी। घर की जिम्मेदारियाँ बहुत थीं — सुबह से रात तक खेत, रसोई, और बच्चों की देखभाल में दिन बीत जाता था। पर उसके मन में एक सपना था — *गाँव की हर बेटी पढ़े, और खुद पर विश्वास करना सीखे।* सविता पढ़ी-लिखी नहीं थी, लेकिन उसने देखा था कि पढ़ाई के बिना लड़कियाँ कितनी जल्दी अपने सपनों से दूर हो जाती हैं। एक दिन जब उसकी बेटी ने कहा — “माँ, मैं भी टीचर बनना चाहती हूँ, पर हमारे गाँव में स्कूल तो पाँच किलोमीटर दूर है।” तो सविता का दिल टूट गया, लेकिन उसने उसी पल ठान लिया — *अब कुछ बदलना ही होगा।* उसने गाँव की औरतों को इकट्ठा किया, पंचायत में जाकर बार-बार निवेदन किया, कलेक्टर साहब तक पहुँच गई। बहुत लोगों ने कहा — “अरे, औरत होकर क्या कर लेगी?” पर सविता मुस्कराकर कहती — “मैं माँ हूँ, और माँ हार नहीं मानती।” छः महीने की मेहनत के बाद गाँव में एक छोटा सा स्कूल खुल गया — मिट्टी की दीवारें, टाट पर बैठने वाले बच्चे, पर सपनों का आसमान बड़ा था। सविता रोज़ सुबह सबसे पहले स्कूल जाती, झाड़ू लगाती, बच्चों को बुलाने जाती, और अपनी बेटी के साथ हर बच्ची को पढ़ने के लिए प्रेरित करती। कुछ सालों बाद, वही स्कूल अब पक्का भवन बन गया। गाँव की लड़कियाँ अब आगे पढ़ने लगीं। सविता की बेटी *रीना* ने टीचर बनकर उसी स्कूल में नौकरी की — और जब बच्चों ने “गुड मॉर्निंग मैम” कहा, तो सविता की आँखें भर आईं। वह बोली — “मैंने आसमान को नहीं छुआ, लेकिन अपनी बेटियों को उड़ना सिखा दिया।” *संदेश:* हर माँ, हर महिला में एक शक्ति होती है — जो समाज, सोच और भविष्य बदल सकती है। अगर वो ठान ले, तो कोई मंज़िल दूर नहीं रहती। *जय जय श्री राम 🙏🏻* *जय हिन्द 🇮🇳* *सदैव प्रसन्न रहिए 🙏🏻* *जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*

More like this