समोसा — कुरकुरे तिकोने में छुपा इतिहास और विज्ञान: एक गर्म, मसालेदार स्नैक जो मध्य-फारसी शब्द sambosag/سنبوسگ से निकला और अरब व मध्य एशिया से होते हुए दिल्ली सल्तनत के रसोइयों के साथ उपमहाद्वीप पहुँचा; पहले यह बेक किया जाता था, बाद में डीप-फ्राई करके आज की सुनहरी परत मिली। आज हम जो आलू-भरा समोसा खाते हैं, वह तब ही आम हुआ जब पेरू से आलू आया — यानी समोसे की पहचान बदलने में वैश्विक व्यापार और फसल-परिवर्तन का बड़ा रोल रहा। भारत में इसके कई रूप हैं (बंगाल का शिंगारा, पूर्वोत्तर का সিঙ্গারা, हैदराबाद की लुख़मी, गोवा का चामुças आदि) और Central Asian “samsa” से लेकर अरबों के “sambusak” तक यह पूरे वेतनमान की कहानी कहता है — एक ही आइडिया, स्थानीय स्वादों के अनुसार एडाप्ट हुआ। खाना-विज्ञान की बात करें तो डीप-फ्राइंग से समोसे की क्रंच और स्वाद तो बढ़ता है पर साथ में ऊर्जा-घनत्व (calories) भी बढ़ता है; अगर स्वास्थ्य की चिंता हो तो बेक या एयर-फ्रायर विकल्प और भराव में ज्यादा सब्ज़ियाँ/दालें उपयोग करना तार्किक और सुरक्षित है। एक छोटी सी सोच — समोसा सिर्फ स्नैक नहीं, वह सभ्यता-संवाद का स्वाद है; “जिस तरह भराव बदलता है, उसी तरह हम भी बदलते हैं” — और आख़िर में बाइट लें और मुस्कान बाँटें: #समोसा #Samosa #खाना #FoodHistory @समसाद @अलीखान समेजा @❤समिधा ❤ @ समता नाथ 😘🌹 @शिवा 👉मुझे समझना आसान नहींहै नादान इंसानदूर रहे #समोसा #समोसा भेलपुरी #चाय समोसा गर्म गर्म खा लेना #समोसा और चाय 😋 #मेरे फेवरेट समोसा

