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#सुविचार #भक्ति भावना #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #ईश्वर आस्था संत रामपाल जी महाराज बताते हैं श्राद्ध की शास्त्र अनुकूल विधि। जिससे साधक स्वयं और उसके पूर्वज जो पितर या भूत बने हैं, सबका छुटकारा हो जाता है।
सुविचार - শলাণ সসা শ दो्ित्र (लडकीका तदका)  कतप (दिनका  कित्राणि दाहि्ः कुतपस्तिलाः | எ் ர ச ரa - =7 7 -n   কথামকীননারিকস I1 4? दान ओर उसकी   यतचोत + চনো   ৭ M ausu ೦ r rl পণিখ মান য9 ৪ 1142I1 ৫ বসন| গাউকবকি লিs சய -ர7 517 3I17 7 7170 ~17 राजेन्द्र  प्रयमेतन्न   शस्यते।। ५३ तमा नारम भोगन फलेवलोको भीन ठीनौली িনবেখা q1 करना ठचित नही ४०५३  मातामहा गते पुंसा सर्व श्राद्ध प्रकुर्वताम् । ५४  141/ ೊud चिरवेदेवगण  परूपसे  पितगण मातामर तपा कुटम्यीजन - मभी सन्तष्ट खते  वर्तमान में योगाधारश्च बद्दमाः  तगणो Vi Y1 K 'mnl mm ಖvr TA ( ಿ7 नयोगस्त तस्मासूपाल शस्यते ।१ ५५  মনসাযা সাখা যাণ ৫; মোলব সাসে পাণিসনণা संत रामपाल जी मझरज निपळ करना आत ठत्म ऐn ५५ मऐ णभन। यद पारपोय स्थितः  'On: विणाणा योगी  सहस चास्णीके सम्मत रफ पोगी भी॰ठोतो के सभी शिष्य योगी हैं तारयति यजमानं तथा नप।। ५६  पजमानके सटित उन सबका उदार करदेता ४०५६  T ifuguo   ಹinJ7 परादगोउ्याम 4 शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना 0 करते हैं। विष्णु पुराण के तीसरे 81 संत रामपाल जी के सानिध्य में अंश के अध्याय १५ श्लोक हर 2 3 महीने में भंडारे होते 55 - 56 ٦ लिखा है कि श्राद्ध के भोज हैं जहाँ सभी योगिजन भंडारा में यदि एक योगी यानि खाते हैं जो व्यक्ति उस भंडारे में साधक को भोजन शास्त्रोक्त दान करता है उससे उनके सभी करवाया जाए तो वह योगी पितरों का उद्धार हा जाता है। श्राद्ध भोज में आए हजार अतः श्राद्ध करने की शास्त्र ब्राह्मणों तथा यजमान के पूरे গনুকুল বিখি লানন ক লিৎ परिवार सहित तथा सर्व पितरों देखिए का उद्धार कर देता है। Sant Rampal Ji Maharaj YouTube ~0 Channel ೊSaintRampaliMaharal 229M subscnbers;' 13 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ শলাণ সসা শ दो्ित्र (लडकीका तदका)  कतप (दिनका  कित्राणि दाहि्ः कुतपस्तिलाः | எ் ர ச ரa - =7 7 -n   কথামকীননারিকস I1 4? दान ओर उसकी   यतचोत + চনো   ৭ M ausu ೦ r rl পণিখ মান য9 ৪ 1142I1 ৫ বসন| গাউকবকি লিs சய -ர7 517 3I17 7 7170 ~17 राजेन्द्र  प्रयमेतन्न   शस्यते।। ५३ तमा नारम भोगन फलेवलोको भीन ठीनौली িনবেখা q1 करना ठचित नही ४०५३  मातामहा गते पुंसा सर्व श्राद्ध प्रकुर्वताम् । ५४  141/ ೊud चिरवेदेवगण  परूपसे  पितगण मातामर तपा कुटम्यीजन - मभी सन्तष्ट खते  वर्तमान में योगाधारश्च बद्दमाः  तगणो Vi Y1 K 'mnl mm ಖvr TA ( ಿ7 नयोगस्त तस्मासूपाल शस्यते ।१ ५५  মনসাযা সাখা যাণ ৫; মোলব সাসে পাণিসনণা संत रामपाल जी मझरज निपळ करना आत ठत्म ऐn ५५ मऐ णभन। यद पारपोय स्थितः  'On: विणाणा योगी  सहस चास्णीके सम्मत रफ पोगी भी॰ठोतो के सभी शिष्य योगी हैं तारयति यजमानं तथा नप।। ५६  पजमानके सटित उन सबका उदार करदेता ४०५६  T ifuguo   ಹinJ7 परादगोउ्याम 4 शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना 0 करते हैं। विष्णु पुराण के तीसरे 81 संत रामपाल जी के सानिध्य में अंश के अध्याय १५ श्लोक हर 2 3 महीने में भंडारे होते 55 - 56 ٦ लिखा है कि श्राद्ध के भोज हैं जहाँ सभी योगिजन भंडारा में यदि एक योगी यानि खाते हैं जो व्यक्ति उस भंडारे में साधक को भोजन शास्त्रोक्त दान करता है उससे उनके सभी करवाया जाए तो वह योगी पितरों का उद्धार हा जाता है। श्राद्ध भोज में आए हजार अतः श्राद्ध करने की शास्त्र ब्राह्मणों तथा यजमान के पूरे গনুকুল বিখি লানন ক লিৎ परिवार सहित तथा सर्व पितरों देखिए का उद्धार कर देता है। Sant Rampal Ji Maharaj YouTube ~0 Channel ೊSaintRampaliMaharal 229M subscnbers;' 13 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Ji MAHARAJ - ShareChat

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