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#✍गुलजारांचे साहित्य #📝कविता / शायरी/ चारोळी #🖋शेरो-शायरी
✍गुलजारांचे साहित्य - अपने अगर तो चुभें. ೦೦೦೦೦ सहन कर लेना ज़नाब...० काँटों से बिछड़कर... गुलाब नही गुलाब र रहता..० अल्फ़ाज़ कलम से अपने अगर तो चुभें. ೦೦೦೦೦ सहन कर लेना ज़नाब...० काँटों से बिछड़कर... गुलाब नही गुलाब र रहता..० अल्फ़ाज़ कलम से - ShareChat

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