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ha purush bhi rota hai mard ko bhi dard hota hai.. #sumitgaurav
sumitgaurav - आँखें बरस जाती हैं आँखें बरस जाती हैं। कितनी तरस जाती हैं। वो चले गए छोड़कर, दिल को गेरे तोड़ कर। भीड़ में तन्हा किया, अपनों ने दगा दिया। याढ क्यों फिर आते हैं, दिल से क्यों नहीं जाते हैं। ব্সুমিন মানখনা 'বীবন' Your uotein आँखें बरस जाती हैं आँखें बरस जाती हैं। कितनी तरस जाती हैं। वो चले गए छोड़कर, दिल को गेरे तोड़ कर। भीड़ में तन्हा किया, अपनों ने दगा दिया। याढ क्यों फिर आते हैं, दिल से क्यों नहीं जाते हैं। ব্সুমিন মানখনা 'বীবন' Your uotein - ShareChat

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