गुरु तेग बहादुर जी
🙏 श्री गुरु तेग बहादुर जी 🙏
श्री गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नौवें गुरु थे।
जन्म: 1 अप्रैल, 1621 ईस्वी को अमृतसर, पंजाब में हुआ था।
पिता: सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब।
बचपन का नाम: त्यागमल।
कार्यकाल: 20 मार्च, 1664 से 24 नवंबर, 1675 तक।
उपाधि: उन्हें 'हिंद की चादर' के नाम से जाना जाता है क्योंकि उन्होंने धर्म, इंसानियत और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
बलिदान: मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचारों और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज़ उठाने के कारण, उन्होंने 24 नवंबर, 1675 को दिल्ली में शहादत दी। उनका बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता और मानव कल्याण के लिए विश्व इतिहास में अद्वितीय स्थान रखता है।
योगदान: उनके 115 स्तोत्र (शबद) सिख धर्म के मुख्य ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं।
गुरु तेग बहादुर जी का जीवन साहस, त्याग और नैतिकता का प्रतीक है।
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