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#शुभ मुहूर्त #पूजन विधि
शुभ मुहूर्त - 02-10-25 आचार्य माधवाचार्य जन्मोत्सव गुरुवार माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है माधवाचार्य जी राम में अटूट आस्था थी, सन्यासी बनने पर ये की भगवान श्री मध्यस्वामी आनंदतीर्थ के नाम से भी प्रसिद्ध हुए।  माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है। वे उत्तरी भारत की यात्रा के समय बदरी आश्रम से दिग्विजयी राम की मूर्ति दक्षिण ले गए थे। उन्होंने अपने शिष्य नर -् हरितीर्थ से १२६४ ई के लगभग पुरी से मूल राम और सीता की मूर्ति मँगवाई थी। यही मूर्ति मैसूर जगन्नाथ में मूलराम के नाम से स्थापित की गई थी। प्रारम्भ में ये जगद् गुरू शंकराचार्य जी के शिष्य बनें एवं इनका मध्व नाम कुछ स्थानों पर माधवाचार्य जी को श्री हनुमान जी का अवतार दिया गया, भी माना जाता है। 02-10-25 आचार्य माधवाचार्य जन्मोत्सव गुरुवार माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है माधवाचार्य जी राम में अटूट आस्था थी, सन्यासी बनने पर ये की भगवान श्री मध्यस्वामी आनंदतीर्थ के नाम से भी प्रसिद्ध हुए।  माधवाचार्य जी एक महान संत और समाज सुधारक थे, इन्होंने ब्रह्म सूत्र और दस उपनिषदों की व्याख्या लिखी है। वे उत्तरी भारत की यात्रा के समय बदरी आश्रम से दिग्विजयी राम की मूर्ति दक्षिण ले गए थे। उन्होंने अपने शिष्य नर -् हरितीर्थ से १२६४ ई के लगभग पुरी से मूल राम और सीता की मूर्ति मँगवाई थी। यही मूर्ति मैसूर जगन्नाथ में मूलराम के नाम से स्थापित की गई थी। प्रारम्भ में ये जगद् गुरू शंकराचार्य जी के शिष्य बनें एवं इनका मध्व नाम कुछ स्थानों पर माधवाचार्य जी को श्री हनुमान जी का अवतार दिया गया, भी माना जाता है। - ShareChat

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