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#सब बाबा जयगुरूदेव जी महाराज की देन है #🙏गुरु महिमा😇 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #❤️जीवन की सीख #📖जीवन का लक्ष्य🤔
सब बाबा जयगुरूदेव जी महाराज की देन है - जैसे पिता और बेटे का बड़ा गहरा संबंध होता है॰ ऐसे ही सतगुरु का उनके अपनाए हुए जीवों के साथ संबंध होता है कर्जा लेे कर के बेटा जब उसको अदा जो जीव सतगुरु द्वारा बताए गए उपाय नहीं कर पाता है तब जैसे पिता उसको अदा करते हैं॰ ऐसे ही सतगुरु उनके को कर ले जाता है. उनके कर्मों को तो सतगुरु उनसे कटवा देते हैं नहीं तो जीवों के कर्म कर्जे को अदा कराते हैं उन कर्मों को खुद ले करके काटते हैं कोलफील्ड मिरर 24 नवम्नर जिस तरह से पिता और बेटे का बड़ा (पालघर महाराष्ट्रः परम् सन्त बाब उमाकान्त जी महाराज ने सतसंग में कहा गहरा संबंध होता है॰ प्रेम होता है॰ उसी कि सतगुरु जीवों के कर्मों को काटने के तरह से सतगुरु का उन जीवों से संबंध होते हैं। वे इसी काम के लिए होता है जिन्हें वे अपना लेते हैंः नामदान दे जानकार दुनिया- संसार में आते हैं कि लोगों को करके उनकी सुरत (जीवात्मा) की डोर इस बंधन से मुक्त करा कर के॰ लोगों के कर्मों को काल के हाथ से ले कर के अपने हाथ में ले लेते हैं। जैसे कुछ बच्चे ना जानकारी को कटवा कर के, उन्हें अपने वतन में दूसरे की नकल करके कर्जा ले लेते हैं अपने मालिक के पास पहुंचा दिया जाए। और एक बार जो जाता है॰ वह फिर से इसीलिए वह प्रभु सन्तों को भेजता है कि और जब उस कर्जे को चुका नहीं पाते हैं मन बना लेता है कि हम फिर आएंगे। तब उस कर्जे को पिता अदा करता है। आप जाओ और जीवों के बंधन को कटवा कर के यहां ले आओ। फिर सतगुरु लोगों इसी तरह से सतगुरु जीव के कर्म कर्जा  क्यों? क्योंकि जिब কমন ই নন कर्म को समझाते बताते हैं और विश्वास दिलाते परेशानी दूर होती है, जिसको टेंशन होता को काटते हैं। जो भी जीव अपने कर्मों को हैं क्योंकि विश्वास दिलाना जरूरी होता जाता   है है टेंशन खत्म   हो काटने के लिए सतगुरु द्वारा बताए गए उसका है। अब कर्म कटते कैसे हैं? कर्म सेवा जिसको कर्मों की वजह से जो रोग हो रहा उपाय ससेवा और साधना) को कर ले जाता है उनके कर्मों को तो सतगुरु उनसे और साधना के द्वारा कटते हैं। बहुत से है॰ मेहनत करने से जब उसके वे कर्म विश्वास नामदानी मुख्य आश्रमों पर सेवा कराने कटते हैं तब आदमी को कटवा देते हैं और नहीं तो उन कर्मों को हो जाता है। इसीलिए कर्मों को काटने के लिए खुद ले करके काटते हैं। जाते हैं। वहां जो सेवा में जाते हैंवे कहते हैं कि अब हमें बहुत अच्छा लग रहा है क्यों? क्योंकि वह उनके बच्चे का कर्म है। बराबर सेवा करते रहना चाहिए। जैसे पिता और बेटे का बड़ा गहरा संबंध होता है॰ ऐसे ही सतगुरु का उनके अपनाए हुए जीवों के साथ संबंध होता है कर्जा लेे कर के बेटा जब उसको अदा जो जीव सतगुरु द्वारा बताए गए उपाय नहीं कर पाता है तब जैसे पिता उसको अदा करते हैं॰ ऐसे ही सतगुरु उनके को कर ले जाता है. उनके कर्मों को तो सतगुरु उनसे कटवा देते हैं नहीं तो जीवों के कर्म कर्जे को अदा कराते हैं उन कर्मों को खुद ले करके काटते हैं कोलफील्ड मिरर 24 नवम्नर जिस तरह से पिता और बेटे का बड़ा (पालघर महाराष्ट्रः परम् सन्त बाब उमाकान्त जी महाराज ने सतसंग में कहा गहरा संबंध होता है॰ प्रेम होता है॰ उसी कि सतगुरु जीवों के कर्मों को काटने के तरह से सतगुरु का उन जीवों से संबंध होते हैं। वे इसी काम के लिए होता है जिन्हें वे अपना लेते हैंः नामदान दे जानकार दुनिया- संसार में आते हैं कि लोगों को करके उनकी सुरत (जीवात्मा) की डोर इस बंधन से मुक्त करा कर के॰ लोगों के कर्मों को काल के हाथ से ले कर के अपने हाथ में ले लेते हैं। जैसे कुछ बच्चे ना जानकारी को कटवा कर के, उन्हें अपने वतन में दूसरे की नकल करके कर्जा ले लेते हैं अपने मालिक के पास पहुंचा दिया जाए। और एक बार जो जाता है॰ वह फिर से इसीलिए वह प्रभु सन्तों को भेजता है कि और जब उस कर्जे को चुका नहीं पाते हैं मन बना लेता है कि हम फिर आएंगे। तब उस कर्जे को पिता अदा करता है। आप जाओ और जीवों के बंधन को कटवा कर के यहां ले आओ। फिर सतगुरु लोगों इसी तरह से सतगुरु जीव के कर्म कर्जा  क्यों? क्योंकि जिब কমন ই নন कर्म को समझाते बताते हैं और विश्वास दिलाते परेशानी दूर होती है, जिसको टेंशन होता को काटते हैं। जो भी जीव अपने कर्मों को हैं क्योंकि विश्वास दिलाना जरूरी होता जाता   है है टेंशन खत्म   हो काटने के लिए सतगुरु द्वारा बताए गए उसका है। अब कर्म कटते कैसे हैं? कर्म सेवा जिसको कर्मों की वजह से जो रोग हो रहा उपाय ससेवा और साधना) को कर ले जाता है उनके कर्मों को तो सतगुरु उनसे और साधना के द्वारा कटते हैं। बहुत से है॰ मेहनत करने से जब उसके वे कर्म विश्वास नामदानी मुख्य आश्रमों पर सेवा कराने कटते हैं तब आदमी को कटवा देते हैं और नहीं तो उन कर्मों को हो जाता है। इसीलिए कर्मों को काटने के लिए खुद ले करके काटते हैं। जाते हैं। वहां जो सेवा में जाते हैंवे कहते हैं कि अब हमें बहुत अच्छा लग रहा है क्यों? क्योंकि वह उनके बच्चे का कर्म है। बराबर सेवा करते रहना चाहिए। - ShareChat

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