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प्रेम की सबसे अनूठी अनुभूति "विरह" जिसके बिना प्रेम व्यर्थ है जानें क्यों लोग अपना सर्वस्व हार नहीं जी पाते विरह को जबकि ये अप्रतिम, अद्भुत प्रेम का बेहद खूबसूरत अंश हैं। मैं विरक्त हूं प्रेम में संजोग से क्योंकि मैं विरह , वेदना की पीड़ा में अनुरक्त हूँ । मैं मीरा सी मग्न हूँ विरह में मुझे विरह में ही सुखद अनुभूति, आनंद हैं । विरह बिन प्रेम का आधार निरर्थक है... 💙💚💛🩷 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️
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