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#📝कविता / शायरी/ चारोळी #💔जख्मी दिल
📝कविता / शायरी/ चारोळी - मेरी मां मेरे बाल तक नहीं बिखरने देती थी, जिँदगी देख तूने मेरा क्या हाल कर दिया। गुलज़ार : मेरी मां मेरे बाल तक नहीं बिखरने देती थी, जिँदगी देख तूने मेरा क्या हाल कर दिया। गुलज़ार : - ShareChat

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