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#शुभ मुहूर्त #पूजन विधि
शुभ मुहूर्त - 15-11-25 एकादशी उत्पन्ना शनिवार নিখি ক্রী मार्गशीर्ष माह के कृष्णपक्ष की ग्यारस यानी ग्यारहवीं | भगवान विष्णु से एकादशी तिथि उत्पन्न हुई थीं। देवी एकादशी  भगवान विष्णु की एक शक्ति का रूप है मान्यता है कि उन्होंने इसी दिन उत्पन्न होकर राक्षस मुर का वध किया था।  ही मूर नामक दैत्य का वध करने के लिए भगवान उत्पन्ना एकादशी के दिन विष्णु के शरीर से देवी एकादशी उत्पन्न हुई हैं। एकादशी व्रत रखने वाले उत्पन्ना एकादशी से ही व्रत शुरु करते हैं। इस वर्ष उदया तिथि में उत्पन्ना एकादशी व्रत १५ नवंबर २०२५, शनिवार को रखा जाएगा| व्रत का पारण १६ नवंबर को दोपहर १२ बजकर ५५ मिनट से लेकर दोपहर ०३ बजकर ०८ मिनट के बीच किया जाएगा। एकादशी व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु ` की कृपा से जीवन में सुख समृद्धि आती है। 15-11-25 एकादशी उत्पन्ना शनिवार নিখি ক্রী मार्गशीर्ष माह के कृष्णपक्ष की ग्यारस यानी ग्यारहवीं | भगवान विष्णु से एकादशी तिथि उत्पन्न हुई थीं। देवी एकादशी  भगवान विष्णु की एक शक्ति का रूप है मान्यता है कि उन्होंने इसी दिन उत्पन्न होकर राक्षस मुर का वध किया था।  ही मूर नामक दैत्य का वध करने के लिए भगवान उत्पन्ना एकादशी के दिन विष्णु के शरीर से देवी एकादशी उत्पन्न हुई हैं। एकादशी व्रत रखने वाले उत्पन्ना एकादशी से ही व्रत शुरु करते हैं। इस वर्ष उदया तिथि में उत्पन्ना एकादशी व्रत १५ नवंबर २०२५, शनिवार को रखा जाएगा| व्रत का पारण १६ नवंबर को दोपहर १२ बजकर ५५ मिनट से लेकर दोपहर ०३ बजकर ०८ मिनट के बीच किया जाएगा। एकादशी व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु ` की कृपा से जीवन में सुख समृद्धि आती है। - ShareChat

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