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#✍मेरे पसंदीदा लेखक #📚कविता-कहानी संग्रह #🇮🇳 देशभक्ति #🇮🇳मेरा भारत, मेरी शान #🇮🇳 हम है हिंदुस्तानी
✍मेरे पसंदीदा लेखक - স্রুণনীধ 'भय बिन होय न प्रीत गुसांई' रामायण सिखलाती है राम-्धनुष के बल पर ही तो सीता लंका से आती है जब सिंहों की राजसभा में गीदड़ गाने लगते हैं तो हाथी के मुँह के गन्ने चूहे खाने लगते हैं केवल रावलपिंडी पर मत थोपो अपने पापों को दूध पिलाना बंद करो अब आस्तीन के साँपों को अपने सिक्के खोटे हों तो गैरों की बन आती है लालकिले की दहलीजें भी लोहू में सन जाती हैं पकड़ गर्दनें उनको खींचों  बाहर उजाले में खुले चाहे कातिल सात समंदर पार छुपा हो ताले में ऊधम सिंह अब भी जीवित है ये समझाने आया हूँ घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाया हूँ।। -डॉ॰ हरिओम पंवार স্রুণনীধ 'भय बिन होय न प्रीत गुसांई' रामायण सिखलाती है राम-्धनुष के बल पर ही तो सीता लंका से आती है जब सिंहों की राजसभा में गीदड़ गाने लगते हैं तो हाथी के मुँह के गन्ने चूहे खाने लगते हैं केवल रावलपिंडी पर मत थोपो अपने पापों को दूध पिलाना बंद करो अब आस्तीन के साँपों को अपने सिक्के खोटे हों तो गैरों की बन आती है लालकिले की दहलीजें भी लोहू में सन जाती हैं पकड़ गर्दनें उनको खींचों  बाहर उजाले में खुले चाहे कातिल सात समंदर पार छुपा हो ताले में ऊधम सिंह अब भी जीवित है ये समझाने आया हूँ घायल भारत माता की तस्वीर दिखाने लाया हूँ।। -डॉ॰ हरिओम पंवार - ShareChat

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