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#ધર્મ અને અધ્યાત્મ
ધર્મ અને અધ્યાત્મ - अहाभाव 56 जा मनुष्य इज़्ज़त ईर्ष्या, अहंकार से प्रेम करता है. वो कभी किसी प्राणी से प्रेम नही कर सकता. अहाभाव 56 जा मनुष्य इज़्ज़त ईर्ष्या, अहंकार से प्रेम करता है. वो कभी किसी प्राणी से प्रेम नही कर सकता. - ShareChat

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