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#bate dil ki
bate dil ki - जिंदगी में सब्र जब मैंने धीरे-धीरे जिंदगी को... समझना शुरू किया, तो एहसास हुआ... ज़िंदगी का नाम ही सब्र है। कोई अपना छूट जाए तो सब्र, कोई नाराज़ हो जाए तो सब्र , लोग सवाल उठाएँ तो सब्र, जो चाहा वो न मिले.. तब भी सिर्फ सब्र। Mr: Pankaj kumar -जे.एन.राय प्रस्तूति मात्र जिंदगी में सब्र जब मैंने धीरे-धीरे जिंदगी को... समझना शुरू किया, तो एहसास हुआ... ज़िंदगी का नाम ही सब्र है। कोई अपना छूट जाए तो सब्र, कोई नाराज़ हो जाए तो सब्र , लोग सवाल उठाएँ तो सब्र, जो चाहा वो न मिले.. तब भी सिर्फ सब्र। Mr: Pankaj kumar -जे.एन.राय प्रस्तूति मात्र - ShareChat

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