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गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में श्राद्ध व पिंड आदि कर्मकांड को गलत कहा है। मार्कण्डेय पुराण में भी प्रमाण है कि वेदों में पितर पूजा, भूत पूजा यानि श्राद्ध कर्म को अविद्या यानि मूर्खों का कार्य बताया है। श्राद्ध करने की शास्त्र अनुकूल विधि जानने के लिए देखिए Factful Debates YouTube Channel. #ईश्वर #आस्था
आस्था - क्या श्राद्ध करना चाहिए? इस्कॉन संस्था वाले पितृ पूजा , भूत पूजा , श्राद्ध करवाते हैं! पवित्र गीता जी कहती हैकि ये नहीं करना चाहिए। फिर हम क्यों करते हैं॰ गीता अध्याय 9 श्लोक २५ श्रीमद्भगवत गीता के इस प्रमाण से নিনণন:  सिद्ध हुआ जो पितृ पूजा (श्राद्ध आदि) यान्ति देववृत्तः देवान् पितृन यान्ति  यान्ति भूतेज्याः, यान्ति मध्याजिन्ह अपि, मम  মুনানি  करते हैं वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते , ||25|| अनुवादः  देववृताः ) देवताओं के उपासक देवान देवताओं के पास (यांति) जाते हे (पितृवृत्तः) पित्तरों के वे यमलोक में उपासक ( पितन) पितरों के पास (याति) जाते हे (भूतेज्याः ) भूतों के उपासक ( भूतानि) भूत (यांति) जाते  पितरों को प्राप्त हे तथा ( मध्याजिनः) ) डसी प्रकार मेरेजो भक्त शास्त्र होते हैं। विधि से पूजा करते हे॰ वे मतानुसार (अपि) को भी॰ (माम्) मुझे (यांति) प्राप्त करते हे। (२५) मेरे अज़ीज़ हिंदुओं स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ जगतगुरूु तत्त्वदर्शी संत रामपालजी महाराज फ्री बुक PDF पाए। हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे SUBSCRIBE गीता चेद पुराण मेसेज करें fromAPPRAJ SAwrlRadPfjom Factful Debates 7496801822 Coutite क्या श्राद्ध करना चाहिए? इस्कॉन संस्था वाले पितृ पूजा , भूत पूजा , श्राद्ध करवाते हैं! पवित्र गीता जी कहती हैकि ये नहीं करना चाहिए। फिर हम क्यों करते हैं॰ गीता अध्याय 9 श्लोक २५ श्रीमद्भगवत गीता के इस प्रमाण से নিনণন:  सिद्ध हुआ जो पितृ पूजा (श्राद्ध आदि) यान्ति देववृत्तः देवान् पितृन यान्ति  यान्ति भूतेज्याः, यान्ति मध्याजिन्ह अपि, मम  মুনানি  करते हैं वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते , ||25|| अनुवादः  देववृताः ) देवताओं के उपासक देवान देवताओं के पास (यांति) जाते हे (पितृवृत्तः) पित्तरों के वे यमलोक में उपासक ( पितन) पितरों के पास (याति) जाते हे (भूतेज्याः ) भूतों के उपासक ( भूतानि) भूत (यांति) जाते  पितरों को प्राप्त हे तथा ( मध्याजिनः) ) डसी प्रकार मेरेजो भक्त शास्त्र होते हैं। विधि से पूजा करते हे॰ वे मतानुसार (अपि) को भी॰ (माम्) मुझे (यांति) प्राप्त करते हे। (२५) मेरे अज़ीज़ हिंदुओं स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ जगतगुरूु तत्त्वदर्शी संत रामपालजी महाराज फ्री बुक PDF पाए। हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे SUBSCRIBE गीता चेद पुराण मेसेज करें fromAPPRAJ SAwrlRadPfjom Factful Debates 7496801822 Coutite - ShareChat

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