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#✍️ जीवन में बदलाव #🕉️सनातन धर्म🚩 #kabir #🙏 प्रेरणादायक विचार #संत रामपाल जी महाराज भगवान है
✍️ जीवन में बदलाव - युवा समाज के लिए ट्रेंड बन गया है , बुराई पर अच्छाई की जीत विजयादशमी भी सोने का था। परंतु शिव ক্ষা ম্লসিল কা గ TTTT द्वारा जनता WTTTT के बावजूद उसमें विरुद्ध भक्ति करवाना. जिससे श्रद्धाल को इतनी भक्तिः काने मोक्ष मार्ग से बंचित हो जाते है। कामवासना तथा अभिमान चरम सीमा  पर थी जिसके परिणामस्वरूप उसका  सभा ग़कार की तमाम 70547 बंश ही समाप्त हो गया। आज हर कोई अंत हा तभी स्वच्छ समाज समद रह हैकि हर बष राचन सकेगा। समय क साथ रावण दहन एक ट्रेंड बन चुका है। लेकिन प्रत्येक  इसलिए किया जाता है नांकि  बुराईयों " लंकापति राबण को नशानन के नाम अंत हो सके परंतु यह देखा जा रहा " व्यक्ति जानता ह कि इसस खुशी 1% एस न्यूज > रायपर हे कि समाज में बुराईया और बढ़ती जा  सरभीं जाना जाता है। चह तमागुणी हर साल देशभर मं शरदीय नवरात्रि ग्राप्त नहीं हाती। बर्तमान समय मं संत दसवें दिन विजया शिन जी का परम भक्त था। रावण को महाराज ह्ीं एकमान्र का त्योहार रही है फिर इसका अंत कैसे हो? केवल दरमी 'HIc1 पुतले जलाने से तो बुराई चारों वेदों का ज्ञान था। तत्वदशी संत है जो पूरे विश्व  बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। aF Tc ক্ষা সনান্ধ  कुशल राजनीतिज्ञ सेनापति और लिएइस  दिन पूर देश म रावण क माने जाने चाले रावण का अंत नहीं सतभक्ति देकर मोक्ष करनेके 577` बास्तुकला का मर्मज्ञ ज्ञाता होने के फूंकन की परंपरा है। बिजयादशमी का पथ्वी पर आएहेवोएकसच्चे समाज हागा। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में चीरता साथ साथ ज्ञानी तथा बहु बिद्याओं वक़्त है उन बुराईयों का अंत  सुधारक संत के रूप समाज में फैलो 31c कुरीतियों को दूर कर रहे हैं| का प्रतोक है। व्यक्तियों और समाज में का जानकार था। नढ मायाना भाथा करने का जो समाज को खराब कर रहे तमाम व्योंकि वह़ इंद्रजाल तंत्र सम्मोहन ٤ ٦٦ बुराई को समाप्त कर अच्छाई स्थापित  आप भी संकल्प लें अपने अंरर से इन 77, लाभ কান IF के जाद  कुरीतियों करने में हो इसलिए विजयादशमी का उत्सव और कई तरह अहंकार   चोरी॰ डकैती बुराईयों " जता  रिश्तखारी को खत्म कर माहिर था। उसने सारी लंका सोने की स्वच्छ समाज के निर्माण " मनाया जाता ह भ्रष्टाचार बलात्कार भ्रुण हत्या और  सहयोग लेकिन क्या ये परंपरा उचित है॰ बना रखी थी जिसम इटं पत्थर यहां नकली धर्मगुरुओं  प्रदान करे। ٧٩ ٩  आई युवा समाज के लिए ट्रेंड बन गया है , बुराई पर अच्छाई की जीत विजयादशमी भी सोने का था। परंतु शिव ক্ষা ম্লসিল কা గ TTTT द्वारा जनता WTTTT के बावजूद उसमें विरुद्ध भक्ति करवाना. जिससे श्रद्धाल को इतनी भक्तिः काने मोक्ष मार्ग से बंचित हो जाते है। कामवासना तथा अभिमान चरम सीमा  पर थी जिसके परिणामस्वरूप उसका  सभा ग़कार की तमाम 70547 बंश ही समाप्त हो गया। आज हर कोई अंत हा तभी स्वच्छ समाज समद रह हैकि हर बष राचन सकेगा। समय क साथ रावण दहन एक ट्रेंड बन चुका है। लेकिन प्रत्येक  इसलिए किया जाता है नांकि  बुराईयों " लंकापति राबण को नशानन के नाम अंत हो सके परंतु यह देखा जा रहा " व्यक्ति जानता ह कि इसस खुशी 1% एस न्यूज > रायपर हे कि समाज में बुराईया और बढ़ती जा  सरभीं जाना जाता है। चह तमागुणी हर साल देशभर मं शरदीय नवरात्रि ग्राप्त नहीं हाती। बर्तमान समय मं संत दसवें दिन विजया शिन जी का परम भक्त था। रावण को महाराज ह्ीं एकमान्र का त्योहार रही है फिर इसका अंत कैसे हो? केवल दरमी 'HIc1 पुतले जलाने से तो बुराई चारों वेदों का ज्ञान था। तत्वदशी संत है जो पूरे विश्व  बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। aF Tc ক্ষা সনান্ধ  कुशल राजनीतिज्ञ सेनापति और लिएइस  दिन पूर देश म रावण क माने जाने चाले रावण का अंत नहीं सतभक्ति देकर मोक्ष करनेके 577` बास्तुकला का मर्मज्ञ ज्ञाता होने के फूंकन की परंपरा है। बिजयादशमी का पथ्वी पर आएहेवोएकसच्चे समाज हागा। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में चीरता साथ साथ ज्ञानी तथा बहु बिद्याओं वक़्त है उन बुराईयों का अंत  सुधारक संत के रूप समाज में फैलो 31c कुरीतियों को दूर कर रहे हैं| का प्रतोक है। व्यक्तियों और समाज में का जानकार था। नढ मायाना भाथा करने का जो समाज को खराब कर रहे तमाम व्योंकि वह़ इंद्रजाल तंत्र सम्मोहन ٤ ٦٦ बुराई को समाप्त कर अच्छाई स्थापित  आप भी संकल्प लें अपने अंरर से इन 77, लाभ কান IF के जाद  कुरीतियों करने में हो इसलिए विजयादशमी का उत्सव और कई तरह अहंकार   चोरी॰ डकैती बुराईयों " जता  रिश्तखारी को खत्म कर माहिर था। उसने सारी लंका सोने की स्वच्छ समाज के निर्माण " मनाया जाता ह भ्रष्टाचार बलात्कार भ्रुण हत्या और  सहयोग लेकिन क्या ये परंपरा उचित है॰ बना रखी थी जिसम इटं पत्थर यहां नकली धर्मगुरुओं  प्रदान करे। ٧٩ ٩  आई - ShareChat

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