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thought - मनुष्य को पांच ऋण चुकाने होते हैं 1. माता का ऋण २. पिता का ऋण ३. गुरु का ऋण ४. धरती का ऋण ५. धर्म का ऋण  चुकाने के लिए कन्या दान १. माता का ऋण चाहिए। 0 करना fg २. पिता का ऋण چ মনান चुकाने उत्पन्न करनी चाहिए। चुकाने के लिए लोगों को शिक्षित ३. गुरु ऋण  चाहिए ४. धरती का ऋण चुकाने के करना लिए कृषि करें या पेड़ लगाएं। लिए 5.पितृ ऋण श्राद्ध और तर्पण चुकाने के  चाहिए. करना चुकाने के लिए धर्म की रक्षा ६. धर्म का ऋण Rg व धर्म का प्रचार के समय दें। "मन" का झुकना बहुत जरूरी है। केवल सर झुकाने से भगवान नहीं मिलते मनुष्य को पांच ऋण चुकाने होते हैं 1. माता का ऋण २. पिता का ऋण ३. गुरु का ऋण ४. धरती का ऋण ५. धर्म का ऋण  चुकाने के लिए कन्या दान १. माता का ऋण चाहिए। 0 करना fg २. पिता का ऋण چ মনান चुकाने उत्पन्न करनी चाहिए। चुकाने के लिए लोगों को शिक्षित ३. गुरु ऋण  चाहिए ४. धरती का ऋण चुकाने के करना लिए कृषि करें या पेड़ लगाएं। लिए 5.पितृ ऋण श्राद्ध और तर्पण चुकाने के  चाहिए. करना चुकाने के लिए धर्म की रक्षा ६. धर्म का ऋण Rg व धर्म का प्रचार के समय दें। "मन" का झुकना बहुत जरूरी है। केवल सर झुकाने से भगवान नहीं मिलते - ShareChat

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