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#✍🏽 माझ्या लेखणीतून
✍🏽 माझ्या लेखणीतून - **जो मिल न सका उसका इंतज़ार क्यों है, जो मिल रहा है उससे इनकार क्यों है। बड़ा मुश्किल है समझना खुद को जिसे फ़िक्र ही नहीं हमारी ا लिए उसके इतना प्यार क्यों है।** **जो मिल न सका उसका इंतज़ार क्यों है, जो मिल रहा है उससे इनकार क्यों है। बड़ा मुश्किल है समझना खुद को जिसे फ़िक्र ही नहीं हमारी ا लिए उसके इतना प्यार क्यों है।** - ShareChat

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