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#jai mashi ki
jai mashi ki - जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं वह जयजयकार और आनन्द करें॰ और निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है! भजन संहिता ३५:२७ jai mashiki Ameen // जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं वह जयजयकार और आनन्द करें॰ और निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है! भजन संहिता ३५:२७ jai mashiki Ameen // - ShareChat

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