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कब से तरस रहीं थीं ये अंखियों, आखिर आ ही गयी वो रात ____ जब तेरे इन payalo की झंकार मेरे कानों को ही नहीं ह्रदय को भी सुख देंगी मन चाहे बस डोलना तेरे महा रास के दर्शन पाना #👩‍❤️‍👨राधा-कृष्ण
👩‍❤️‍👨राधा-कृष्ण - ShareChat
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