अंधविश्वास — जब डर और अनजान चीज़ें 'नियम' बन जाती हैं 🚨 — इतिहास से आज तक ये सार्वदेशिक और सार्वकालिक रहे हैं; विज्ञान के प्रकाश में भी ये छिपे रहते हैं। वैज्ञानिक विश्लेषण बताता है कि मन का pattern-seeking, confirmation-bias और कारण-फल की गलत समझ इन्हें जिंदा रखती है; जैसा कि विशेषज्ञ Stuart Vyse ने कहा है, "a superstition's presumed mechanism of action is inconsistent with our understanding of the physical world." भारत में वास्तु, जादू-टोना और चुड़ैल-आरोप जैसी मान्यताएँ आज भी सामाजिक नुकसान और असमानता पैदा करती हैं — इन पर विस्तृत रिपोर्टें मौजूद हैं। और यह सिर्फ तर्क नहीं: हाल ही में इलाहाबाद हाई-कोर्ट ने 'भूत भगाने' के बहाने पत्नी की हत्या के मामले में दोषसिद्धि दी, जो दिखाता है कि अंधविश्वास आज भी जानलेवा हो सकता है। गाजीपुर जैसी घटनाएँ भी सामने आई हैं जहाँ गलत भ्रांतियों ने हत्या तक को जन्म दिया। तर्क और विज्ञान यही कहते हैं — सवाल पूछो, साक्ष्य माँगो, और हिंसा/धोखे को धर्म या परंपरा के नाम पर बर्दाश्त मत करो; विज्ञान, शिक्षा और न्याय ही असली उपाय हैं। 🚫🔬🧠📚 #अंधविश्वासबंद #विज्ञानजीतता #साक्ष्यबोलें #StopSuperstition #शिक्षा_जरूरी
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