#सतभक्ति संदेश
यम के दूत
पारख के अंग से वाणी:.
गरीब, मान बड़ाई कूकरी, डिंभ डफान करंत। जिन कै उर में ना बसौं, जम छाती तोरंत ।।१८४।। मैं उनके साथ नहीं रहता जो (डिंभ) पाखण्ड करते हैं। मान-बड़ाई की चाह रखते हैं। मान-बड़ाई तो (कुकरी) कुतिया के समान है यानि बिना इज्जत का कार्य है।
परमात्मा के दरबार में इज्जत ना रही तो वह आत्मा गली की कुतिया के समान है। जो पांखड करते हैं, अन्य को नीचा दिखाते हैं, उनकी यम के दूत छाती तोड़ते हैं यानि बुरी मार मारते हैं।
बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज

