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#🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - SATLOTAHRD ە कबीर , तीन लोक पिंजरा भया , पाप पुण्य दो जाल | सभी जीव भोजन भये , एक खाने वाला काल। ] भावार्थ : तीन लोक - स्वर्ग ' पृथ्वी . और पाताल ये सब काल ( ब्रह्म) द्वारा बनाया हुआ एक विशाल पिंजरा हैं। इस रचना में सभी प्राणी काल के भोजन स्वरूप बने हुएहैं Follow us on: SATLOK ASHRAM MUNDKA OFFIcIAL SAMUNDKADELHI SADELHIMUNDKA SATLOTAHRD ە कबीर , तीन लोक पिंजरा भया , पाप पुण्य दो जाल | सभी जीव भोजन भये , एक खाने वाला काल। ] भावार्थ : तीन लोक - स्वर्ग ' पृथ्वी . और पाताल ये सब काल ( ब्रह्म) द्वारा बनाया हुआ एक विशाल पिंजरा हैं। इस रचना में सभी प्राणी काल के भोजन स्वरूप बने हुएहैं Follow us on: SATLOK ASHRAM MUNDKA OFFIcIAL SAMUNDKADELHI SADELHIMUNDKA - ShareChat

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