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#अन्नपूर्णामुहिम_किसानोंकेलिए
अन्नपूर्णामुहिम_किसानोंकेलिए - क्या मुख ले विनती करूँ, लाज आवत है मोहि | तुम देखत औगुन किया, कैसे भाऊ तेहि। सरलार्थः- मैं कौन सा मुख लेकर आपसे विनती करूं मुझे लाज देखते हुए ` भी मैंने बहुत से आती है क्योंकि आपको अपराध किये हैं फिर मैं तुम्हें कैसे अच्छा लगूंगा| जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज Sdllok Ashram Indore SatlokIndore www Jagaigururampaljiorg क्या मुख ले विनती करूँ, लाज आवत है मोहि | तुम देखत औगुन किया, कैसे भाऊ तेहि। सरलार्थः- मैं कौन सा मुख लेकर आपसे विनती करूं मुझे लाज देखते हुए ` भी मैंने बहुत से आती है क्योंकि आपको अपराध किये हैं फिर मैं तुम्हें कैसे अच्छा लगूंगा| जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज Sdllok Ashram Indore SatlokIndore www Jagaigururampaljiorg - ShareChat

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