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#✍मेरे पसंदीदा लेखक #break #sad #---
✍मेरे पसंदीदा लेखक - बचपन में जहाँ चाहा हँस लेते थे, जहाँ चाहा रो लेते थे। पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए और आँसुओं को तन्हाई।" बचपन में जहाँ चाहा हँस लेते थे, जहाँ चाहा रो लेते थे। पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए और आँसुओं को तन्हाई।" - ShareChat

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