ShareChat
click to see wallet page
#🖋शेरो-शायरी #📝कविता / शायरी/ चारोळी #✍गुलजारांचे साहित्य
🖋शेरो-शायरी - पता नहीं कैसे कह देते है लोग की, ४रात गई बात गई" यहाँ ज़माने लग जाते है, ম| दिल पर लगी बात भुलाने पता नहीं कैसे कह देते है लोग की, ४रात गई बात गई" यहाँ ज़माने लग जाते है, ম| दिल पर लगी बात भुलाने - ShareChat

More like this