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#शब्दों से शायरी..... ✍ #शब्दों से #शब्दों की गहराई #कुछ अच्छे शब्दों में दो बातें करें #शब्दों का खेल यानी मनुवादी पैंतरा
शब्दों से शायरी..... ✍ - शब्दों का झालौखा ऐसे ही कोई रेस नहीं जीता था कछुआ , खरगोश से उसकी रफ्तार धीमी थी लेकिन निरंतर थी !! शब्दों का झालौखा ऐसे ही कोई रेस नहीं जीता था कछुआ , खरगोश से उसकी रफ्तार धीमी थी लेकिन निरंतर थी !! - ShareChat

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