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#WhoIs_Kaal_InBhagavadGita #SantRampalJiMaharajYouTubeChannel #WhoIs_Kaal_InBhagavadGita
SantRampalJiMaharajYouTubeChannel - शीता का 8((6[ किशन बोला ? काल भगवान जो इक्कीस ब्रह्मण्ड का प्रभु श्लोक अध्याय ११ क की है कि मैं स्थूल शरीर 32 है उसने प्रतिज्ञा में व्यक्त(मानव सदृश अपने वास्तविक) रूप में सबके सामने नहीं आऊँगा| उसी ने सूक्ष्म शरीर बना कर प्रेत की तरह श्री झालः, अस्मि, लोकक्षयकृत, प्रवृर , लोझान समाहतुम इह, प्रवृत्तः ऋते, अपि त्वाम, न भविष्यत्ति, सर्वे, ये, अवस्थिता , प्रत्यनीकेषु योधाः] १३२१ ] कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके पवित्र শীলা তী কা ভ্ান নী সম্ীরবনী কা সাং) (भगवान उवाच ) कहा, परन्तु युद्ध करवाने के लिए भी अटकल बाजी में कसर नहीं छोड़ी | अनुवादः (लोकक्षयकृत ) लोकों का नाश करने (प्रवृद्धः ) बढ़ा हुआ ( कालः ) काल (अस्मि) हूँ। तत्वदर्शी ताला जगतगु२ (इह ) इस समय ( लोकान ) इन लोकों को शंत शमपाल जी महाशज (समाहर्तुम ) नष्ट करने के लिये ( प्रवृत्तः ) प्रकट हुआ हूँ इसलिये (ये) जो ( प्रत्यनीकेष् ) प्रतिपक्षियों की सेना में ( अवस्थिताः ) स्थित ( योधाः ) योद्धा लोग हें॰ (ते) वे (सरवे ) सव (त्वाम ) संत रामपाल जी महाराज जी से तेरे ( ऋते ) बिना ( अपि) भी (न) नही व निःशुल्क निःशुल्क नामदीक्षा ` (भविष्यन्ति ) रहेंगे अर्थात् तेरे युद्ध +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : करने से भी इन सबका नाश हो जायेगा। (३२ ) రౌ SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ शीता का 8((6[ किशन बोला ? काल भगवान जो इक्कीस ब्रह्मण्ड का प्रभु श्लोक अध्याय ११ क की है कि मैं स्थूल शरीर 32 है उसने प्रतिज्ञा में व्यक्त(मानव सदृश अपने वास्तविक) रूप में सबके सामने नहीं आऊँगा| उसी ने सूक्ष्म शरीर बना कर प्रेत की तरह श्री झालः, अस्मि, लोकक्षयकृत, प्रवृर , लोझान समाहतुम इह, प्रवृत्तः ऋते, अपि त्वाम, न भविष्यत्ति, सर्वे, ये, अवस्थिता , प्रत्यनीकेषु योधाः] १३२१ ] कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके पवित्र শীলা তী কা ভ্ান নী সম্ীরবনী কা সাং) (भगवान उवाच ) कहा, परन्तु युद्ध करवाने के लिए भी अटकल बाजी में कसर नहीं छोड़ी | अनुवादः (लोकक्षयकृत ) लोकों का नाश करने (प्रवृद्धः ) बढ़ा हुआ ( कालः ) काल (अस्मि) हूँ। तत्वदर्शी ताला जगतगु२ (इह ) इस समय ( लोकान ) इन लोकों को शंत शमपाल जी महाशज (समाहर्तुम ) नष्ट करने के लिये ( प्रवृत्तः ) प्रकट हुआ हूँ इसलिये (ये) जो ( प्रत्यनीकेष् ) प्रतिपक्षियों की सेना में ( अवस्थिताः ) स्थित ( योधाः ) योद्धा लोग हें॰ (ते) वे (सरवे ) सव (त्वाम ) संत रामपाल जी महाराज जी से तेरे ( ऋते ) बिना ( अपि) भी (न) नही व निःशुल्क निःशुल्क नामदीक्षा ` (भविष्यन्ति ) रहेंगे अर्थात् तेरे युद्ध +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : करने से भी इन सबका नाश हो जायेगा। (३२ ) రౌ SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat

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