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मुहर्रम एक ऐसा पर्व है जो इस्लामी इतिहास की सबसे दुखद घटना को याद करता है। यह न सिर्फ शोक का प्रतीक है, बल्कि सच्चाई, इंसाफ और बलिदान की मिसाल भी पेश करता है। मुहर्रम के अवसर पर मैदान-ए-कर्बला के शहीदों एवं हजरत इमाम हुसैन की शहादत को सलाम।! #muhharam #हज़रत_इमाम_हुसैन #❤️अस्सलामु अलैकुम #🚀SC बूस्ट के साथ Views को सुपरचार्ज करें
❤️अस्सलामु अलैकुम - मुहर्रम, 20251 9 महत्वपूर्ण और पवित्र महीना है, जिसे इस्लाम धर्म का एक मुहर्रम मुख्य रूप से इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है। यह इस्लामी कैलेंडर (हिजरी सन्) का पहला महीना होता है और इसे चार पवित्र महीनों में से एक माना जाता है मुहर्रम का सबसे प्रमुख कारण कर्बला की लड़ाई (६८० ईस्वी, ६१ हिजरी)में हुए शहादत की घटना को याद करना है। इस युद्ध में पैगंबर मुहम्मद ( सल्ल. ) के नवासे इमाम हुसैन और उनके ७२ साथियों को यजीद (उमय्यद खलीफा) की सेना ने बेरहमी से शहीद कर दिया था । इस घटना की पृष्ठभूमि यह थी कि यजीद एक अत्याचारी शासक के विरुद्ध शासन कर रहा था। इमाम हुसैन থা, তী হ্লোমী मूल्यों ने उसकी अधीनता स्वीकार करने से इनकार कर दिया और सत्य व न्याय के लिए लड़ते हुए शहादत को प्राथमिकता दी HAPP मुहर्रम एक ऐसा पर्व है जो इस्लामी इतिहास की सबसे दुखद घटना  को याद करता है। यह न सिर्फ शोक का प्रतीक है, बल्कि सच्चाई, JHARR इंसाफ और बलिदान की मिसाल भी पेश करता है। आज भी लाखों मुसलमान इसे पूरी शिद्दत से मनाते हैं और इमाम हुसैन के संदेश  mic Wew को जिंदा रखते हैं। @Mithlesh Kr Offic @Mithlesh Kr Official मुहर्रम, 20251 9 महत्वपूर्ण और पवित्र महीना है, जिसे इस्लाम धर्म का एक मुहर्रम मुख्य रूप से इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है। यह इस्लामी कैलेंडर (हिजरी सन्) का पहला महीना होता है और इसे चार पवित्र महीनों में से एक माना जाता है मुहर्रम का सबसे प्रमुख कारण कर्बला की लड़ाई (६८० ईस्वी, ६१ हिजरी)में हुए शहादत की घटना को याद करना है। इस युद्ध में पैगंबर मुहम्मद ( सल्ल. ) के नवासे इमाम हुसैन और उनके ७२ साथियों को यजीद (उमय्यद खलीफा) की सेना ने बेरहमी से शहीद कर दिया था । इस घटना की पृष्ठभूमि यह थी कि यजीद एक अत्याचारी शासक के विरुद्ध शासन कर रहा था। इमाम हुसैन থা, তী হ্লোমী मूल्यों ने उसकी अधीनता स्वीकार करने से इनकार कर दिया और सत्य व न्याय के लिए लड़ते हुए शहादत को प्राथमिकता दी HAPP मुहर्रम एक ऐसा पर्व है जो इस्लामी इतिहास की सबसे दुखद घटना  को याद करता है। यह न सिर्फ शोक का प्रतीक है, बल्कि सच्चाई, JHARR इंसाफ और बलिदान की मिसाल भी पेश करता है। आज भी लाखों मुसलमान इसे पूरी शिद्दत से मनाते हैं और इमाम हुसैन के संदेश  mic Wew को जिंदा रखते हैं। @Mithlesh Kr Offic @Mithlesh Kr Official - ShareChat

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