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#जीवन की सीख
जीवन की सीख - थोड़ा थक सी गई हूं मैं, इसलिए ज्यादा बोलना छोड़ दिया है, इसका मतलब ये नहीं कि मैंने रिश्ता निभाना छोड़ दिया है. @akanksha_shukla 5 अक्सर रिश्तों में , अजीब सी दूरियां बढ जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, कि मैंने अपनों से बात करना छोड़ दिया है, हां   मैं अकेला महसूस करती हूं अपनों की इस भीड़ में , पर ऐसा भी नहीं है कि मैंने अपनापन ही छोड़ दिया है. याद तो करती हूं  मैं सभी को परवाह भी करती हूं मगर कब करती हूं? कितना करती हूं? अब बस बताना छोड़ दिया है।। थोड़ा थक सी गई हूं मैं, इसलिए ज्यादा बोलना छोड़ दिया है, इसका मतलब ये नहीं कि मैंने रिश्ता निभाना छोड़ दिया है. @akanksha_shukla 5 अक्सर रिश्तों में , अजीब सी दूरियां बढ जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, कि मैंने अपनों से बात करना छोड़ दिया है, हां   मैं अकेला महसूस करती हूं अपनों की इस भीड़ में , पर ऐसा भी नहीं है कि मैंने अपनापन ही छोड़ दिया है. याद तो करती हूं  मैं सभी को परवाह भी करती हूं मगर कब करती हूं? कितना करती हूं? अब बस बताना छोड़ दिया है।। - ShareChat

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