ShareChat
click to see wallet page
#bharmakumaris om shanti : - *राजयोगी स्टूडेन्ट्स को बाप का डायरेक्शन क्या है*? *उत्तर* : - *तुम्हें डायरेक्शन है कि एक बाप का बनकर फिर औरों से दिल नहीं लगानी है। प्रतिज्ञा कर फिर पतित नहीं बनना है। तुम ऐसा सम्पूर्ण पावन बन जाओ जो बाप और टीचर की याद स्वतः निरन्तर बनी रहे। एक बाप से ही प्यार करो, उसे ही याद करो तो तुम्हें बहुत ताकत मिलती रहेगी। बुद्धि में रहे बनी-बनाई बन रही, बीती का चिंतन नहीं करना है*। 🤍🩵...*यह कॉमन क्लास नहीं है, इसमें आँखे बन्द करके नहीं बैठना है। टीचर को सामने देखना है। उबासी आदि नहीं लेनी है। उबासी गम (दुःख) की निशानी है*। 🩵🤍...*सन्तुष्टता योगी जीवन का विशेष लक्ष्य है, जो सदा सन्तुष्ट रहते और सर्व को सन्तुष्ट करते हैं उनके योगी जीवन का प्रभाव दूसरों पर स्वतः पड़ता है। जैसे साइन्स के साधनों का वायुमण्डल पर प्रभाव पड़ता है, ऐसे सहजयोगी जीवन का भी प्रभाव होता है। योगी जीवन के तीन सर्टीफिकेट हैं एक – स्व से सन्तुष्ट, दूसरा बाप सन्तुष्ट और तीसरा - लौकिक अलौकिक परिवार सन्तुष्ट* । 🤍🩵...*स्वराज्य का तिलक, विश्व कल्याण का ताज और स्थिति के तख्त पर विराजमान रहने वाले ही राजयोगी हैं*।
bharmakumaris  om shanti - ShareChat

More like this