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#👍स्पेशल शायरी🖋 #💞Heart touching शायरी✍️
👍स्पेशल शायरी🖋 - .0 a कागज की कश्ती से सोच, पार जाने की ना उड़ते हुए तूफानों को सोच, हाथ लगाने की ना ये मोहब्बत बड़ी बेदर्द है इससे खेल ना कर मुनासिब हो जहाँ तक दिल बचाने की सोच | .0 a कागज की कश्ती से सोच, पार जाने की ना उड़ते हुए तूफानों को सोच, हाथ लगाने की ना ये मोहब्बत बड़ी बेदर्द है इससे खेल ना कर मुनासिब हो जहाँ तक दिल बचाने की सोच | - ShareChat

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