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#📚ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ #📖ਮੇਰੀ ਡਾਇਰੀ #✍ ਮੇਰੀ ਕਲਮ #🌻ਸੂਫ਼ੀ ਸਾਹਿਤ #📝ਅਫਸਾਨੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ✍
📚ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ - अपनी रोशनी की बुलन्दिओं पर कभी ना इतराना , चिराग सबके बुझते है क्यूंकि हवा किसीकी नहीं होती !! अपनी रोशनी की बुलन्दिओं पर कभी ना इतराना , चिराग सबके बुझते है क्यूंकि हवा किसीकी नहीं होती !! - ShareChat

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