कभी~कभी ईश्वर भी सुन लेता हैं,
अनकही प्राथनाएं~
और भेज देता हैं, जीवन में ऐसे व्यक्ति....
जो इस स्वार्थ संसार में नि:स्वार्थ प्रेम निभाता हैं....
यकिनन....
स्वार्थ के लिए जो प्रेम किया जाता हैं,
वो प्रेम कर्म समान हैं....
वहां प्रेम कर्म में परिवर्तित हो जाता हैं,
नि:स्वार्थ जो हैं, वो हीं दिव्य हैं, वो हीं अलौकिक हैं....
#☝ मेरे विचार
#💌शब्द से शायरी✒️ #💓 दिल के अल्फ़ाज़ #😂 Thug life😎 #💞Heart touching शायरी✍️
