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#📓 हिंदी साहित्य #✍मेरे पसंदीदा लेखक #✍️ साहित्य एवं शायरी #📚कविता-कहानी संग्रह #👍स्पेशल शायरी🖋
📓 हिंदी साहित्य - उसको जितना सॅमझना था उसने उतना ही समझा और में   बड़े- बड़े ख्वाब बुनता गया। भूल गया था ख्वाब बिना साथ के पूरे नही होते है। उसको जितना सॅमझना था उसने उतना ही समझा और में   बड़े- बड़े ख्वाब बुनता गया। भूल गया था ख्वाब बिना साथ के पूरे नही होते है। - ShareChat