ShareChat
click to see wallet page
search
#🖋ग़ालिब की शायरी #👍स्पेशल शायरी🖋 #🎙️मशहूर शायरों की शायरी✍️ #📖 कविता और कोट्स✒️ #📖 कविता और कोट्स✒️ #✍️ अनसुनी शायरी
🖋ग़ालिब की शायरी - GHALIB KE CHAALS रिश्तों को जोडे रखने के लिए अंधा, कभी बहरा तो कभी गूंगा होना पडता है ! कभी GHALIB KE CHAALS रिश्तों को जोडे रखने के लिए अंधा, कभी बहरा तो कभी गूंगा होना पडता है ! कभी - ShareChat