ShareChat
click to see wallet page
search
#✍️ अनसुनी शायरी #✍️ साहित्य एवं शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - वक्त के आगे चलती नहीं किसी की॰ | यह उतार देता है नशा हम का भी अहम का भी॰| वक्त के आगे चलती नहीं किसी की॰ | यह उतार देता है नशा हम का भी अहम का भी॰| - ShareChat