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#सुवि चार #suvi char
सुवि चार - Kya Kal Ka Bharosa किसी की जिंदगी छोटी, तो किसी की बडी होती है! मौत किसी के दरवाजे. पर, तो किसी के सिर पर खडी होती है! कौन जाने किसी के हिस्से में, कल का सुरज आएगा कि नहीं ! जिससे मुंह फुलाकर बैठे हो आज, वो क्या पता कल मिल पाएगा की नहीं ! दिल से जुडे  रिश्तों को, युं ना गलतफहमियों का शिकार बनाइए मन-मुटाव की इस गांठ को, इतना कस कर ना लगाइए! ये वक्त की रेत से, हाथों স দিমল எரரி 6 म आवाज. लगाते रहोगे, और वो बहुत दुर निकल जाएगी ! Kya Kal Ka Bharosa किसी की जिंदगी छोटी, तो किसी की बडी होती है! मौत किसी के दरवाजे. पर, तो किसी के सिर पर खडी होती है! कौन जाने किसी के हिस्से में, कल का सुरज आएगा कि नहीं ! जिससे मुंह फुलाकर बैठे हो आज, वो क्या पता कल मिल पाएगा की नहीं ! दिल से जुडे  रिश्तों को, युं ना गलतफहमियों का शिकार बनाइए मन-मुटाव की इस गांठ को, इतना कस कर ना लगाइए! ये वक्त की रेत से, हाथों স দিমল எரரி 6 म आवाज. लगाते रहोगे, और वो बहुत दुर निकल जाएगी ! - ShareChat