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#📖 कविता और कोट्स✒️ #✍️अनकही दिल की बात #📝 अधूरे अल्फाज़ #💓 दिल के अल्फ़ाज़
📖 कविता और कोट्स✒️ - "रिश्ते के आइने चटक रहे हैं ।l हम पत्थर बने भटक रहे हैं ।l सच से परहेज करते हैं, झूठ को साबुत गटक रहे हैं Il कहने को हम एक हैं मगर, एक दूसरे को खटक रहे हैं Il पैसे को पीठ पर लाद कर, जिम्मेदारियों को पटक रहे हैं Il फूल चुके हैं कि॰ ঘসভ স হননা सादगी के रास्ते में अटक रहे हैं "रिश्ते के आइने चटक रहे हैं ।l हम पत्थर बने भटक रहे हैं ।l सच से परहेज करते हैं, झूठ को साबुत गटक रहे हैं Il कहने को हम एक हैं मगर, एक दूसरे को खटक रहे हैं Il पैसे को पीठ पर लाद कर, जिम्मेदारियों को पटक रहे हैं Il फूल चुके हैं कि॰ ঘসভ স হননা सादगी के रास्ते में अटक रहे हैं - ShareChat