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#दर्दनाक #आज का इतिहास
दर्दनाक - आज काइतिह्ास दिल्ली के निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया साल के आखिरी महीने के दूसरे पखवाड़े का पहला दिन दिल्ली में एक  पर कहर बनकर ट्रटा। १६ दिसंबर २०१२ को एक युवती छात्रा के साथ उसके एक मित्र की मौजूदगी में चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया और उन दोनों को ठिठुरती सर्द रात में बस से बाहर फेंक दिया गया। बाद में इलाज के लिए g ले जाई गई पीड़िता ने वहीं दम तोड़ दिया था। इस मामले की २३ वर्षीय पीड़िता को निर्भया नाम दिया गया और देश में उसके लिए न्याय की मांग ने आंदोलन का रुूप ले लिया। इस मामले में मुकेश सिंह , पवन गुप्ता , विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह सहित ष्ठह व्यक्ति आरोपी बनाए गए। इनमें से एक राम सिंह ने सुनवाई  नाबालिग था। मामले के एक आरोपी !ললী fিeIs होने के बाद  जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर नाबालिग को सुनवाई के बाद दोषी ठहराया गया और उसे सुधार  गृह भेज दिया गया। तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद उसे २०१५ में रिहा कर दिया गया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार २० मार्च २०२० को इस मामले के चार दोषियों को फांसी दी गई। आज काइतिह्ास दिल्ली के निर्भया कांड ने पूरे देश को झकझोर दिया साल के आखिरी महीने के दूसरे पखवाड़े का पहला दिन दिल्ली में एक  पर कहर बनकर ट्रटा। १६ दिसंबर २०१२ को एक युवती छात्रा के साथ उसके एक मित्र की मौजूदगी में चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया और उन दोनों को ठिठुरती सर्द रात में बस से बाहर फेंक दिया गया। बाद में इलाज के लिए g ले जाई गई पीड़िता ने वहीं दम तोड़ दिया था। इस मामले की २३ वर्षीय पीड़िता को निर्भया नाम दिया गया और देश में उसके लिए न्याय की मांग ने आंदोलन का रुूप ले लिया। इस मामले में मुकेश सिंह , पवन गुप्ता , विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह सहित ष्ठह व्यक्ति आरोपी बनाए गए। इनमें से एक राम सिंह ने सुनवाई  नाबालिग था। मामले के एक आरोपी !ললী fিeIs होने के बाद  जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर नाबालिग को सुनवाई के बाद दोषी ठहराया गया और उसे सुधार  गृह भेज दिया गया। तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद उसे २०१५ में रिहा कर दिया गया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार २० मार्च २०२० को इस मामले के चार दोषियों को फांसी दी गई। - ShareChat