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#📚कविता-कहानी संग्रह
📚कविता-कहानी संग्रह - आज का सुविचार *लफ्ज़ और उनको बोलने का लहज़ा ही होते हैं इंसान आईना , शक्ल का क्या है वो तो उम्न और हालात के 85[ साथ, अक्सर बदल' जाती है। *रिश्तों में वैसा ही संबंध होना चाहिए जैसे आंख और हाथ का होता है। *हाथ को चोट लगती है तो आंखें रोती हैं और, *आंसू आने पर हाथ ही उन्हें हलाता है और साफ करता है लेखक कैलाश कुमार जोगावत आज का सुविचार *लफ्ज़ और उनको बोलने का लहज़ा ही होते हैं इंसान आईना , शक्ल का क्या है वो तो उम्न और हालात के 85[ साथ, अक्सर बदल' जाती है। *रिश्तों में वैसा ही संबंध होना चाहिए जैसे आंख और हाथ का होता है। *हाथ को चोट लगती है तो आंखें रोती हैं और, *आंसू आने पर हाथ ही उन्हें हलाता है और साफ करता है लेखक कैलाश कुमार जोगावत - ShareChat