ShareChat
click to see wallet page
search
#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 #🌙रात की शायरी✍ #🌜 शुभ संध्या🙏
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - बिछड़ कर फिर मिलोगे , यक़ीन कितना है..! महज़ ख्याल है, हसीन कितना है..!! मगर Good evening "गुलज़ार" बिछड़ कर फिर मिलोगे , यक़ीन कितना है..! महज़ ख्याल है, हसीन कितना है..!! मगर Good evening "गुलज़ार" - ShareChat