आपको पता नहीं होगा कि वफ्फ बोर्ड कोर्ट
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फीस नहीं देता है।
मतलब अगर कोई केस अदालत में चल रहा
है मंदिर हो मंदिर ट्रस्ट हो या अन्य हिन्दू
संस्थाएं हों उन्हें कोर्ट फीस देनी पड़ती थी
लेकिन वफ्फ बोर्ड को कांग्रेस सरकार ने
कोर्ट फीस देने से छूट दे रखा था।
अब यह नियम गुजरात में समाप्त कर दिया
गया है।
कल गुजरात के उपमुख्यमंत्री ने निर्णय लिया
है कि वफ्फ बोर्ड को कोर्ट फीस देनी पड़ेगी।
वफ्फ बोर्ड को भी उतनी ही फ़ीस देनी पड़ेगी
जितनी दूसरी संस्थाओं को कोर्ट फीस देनी
पड़ती है।
समझिए कांग्रेस ने कैसे कैसे कुकर्म करके
शांतिप्रियों को देश का प्रथम नागरिक और
हिन्दुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर
रखा है और आपको पता भी नहीं है।
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