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#संत रामपाल जी #✍मेरे पसंदीदा लेखक #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏गुरु महिमा😇
संत रामपाल जी - आधीनी ज्यों ज्यों जीव में तुच्छता आई। त्यों त्यों अधिक अहंकार समाई।l ज्यों ज्यों श्रेष्ठ पद को पावै| त्यों त्यों तामें दीनता आवै। | जीव में ज्योंज्ज्यों नीचता आती है, उसमें अहंकार बढ़ता चला जाता है तथा ज्योंज्ज्यों भक्ति करके आत्मा में अध्यात्म शक्ति बढ़ती है, त्यों-्त्यों उस भक्त में आधीनी यानि दीनता आती है। Satlok Ashram Betul Satlok_Ashram_Betull SatlokBetul _ आधीनी ज्यों ज्यों जीव में तुच्छता आई। त्यों त्यों अधिक अहंकार समाई।l ज्यों ज्यों श्रेष्ठ पद को पावै| त्यों त्यों तामें दीनता आवै। | जीव में ज्योंज्ज्यों नीचता आती है, उसमें अहंकार बढ़ता चला जाता है तथा ज्योंज्ज्यों भक्ति करके आत्मा में अध्यात्म शक्ति बढ़ती है, त्यों-्त्यों उस भक्त में आधीनी यानि दीनता आती है। Satlok Ashram Betul Satlok_Ashram_Betull SatlokBetul _ - ShareChat