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#पवित्र बाइबल वचन 🙏 #WORD OF GOD ✝️ #अनन्त जीवन के वचन #🕊️Jesus is Lord #Holy Bible
पवित्र बाइबल वचन 🙏 - ODaily Bread प्रभु येशू मसीह ने हमारे लिए जो अपने ही देह का बलिदान चढ़ाया है, वह बिना प्रेम के किया गया धर्माचरण नहीं है परन्तु उसने पिता से और हमसे प्रेम रखा और उस प्रेम के द्वारा ही अपना धर्माचरण पुरा किया, जो प्रेम सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है॰ सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता हैं। इसलिए वचन कहता है कि बिना प्रेम के किया गया बलिदान व्यर्थ है (१ कुरून्थियों १३३) इसलिए हमारा उसपर  किया गया विश्वास भी बिना प्रेम का हो और हम केवल धर्माचरण पूरा करने के लिए मंदिर में आते है, परन्तु उसके वचन सुनकर उसपर मन न लगाए और उसके अनुसार न चले , तो हमने अपने प्रभु की सही पहचान नहीं की है कि वह मंदिर से भी बड़ा है और परमेश्वर दया से प्रसन्न होता है, बलिदान से नहीं| और जो इसे नहीं समझते , वे निर्दोष को दोषी ठहराते है और पाप का समर्थन कर सकते हैं (मत्ती १२३७) और मसीह येशू, जिसने अपने लहू के द्वारा हमें जो अनन्त छुटकारा दिया और जो सारे जगत का प्रायश्चित ठहरा हैं, उसे तुच्छ जानकर हम इतने बड़े उद्धार के विषय में निश्चिंत रहे, तो हम बच नहीं सकते ( इब्रानियों २:१ ४)| इसलिए परमेश्वर ने विश्वास  के द्वारा प्रायश्चित होने के लिए येशू मसीह को हमारे आगे ठहराया है, जो विश्वास बिना प्रेम के द्वारा कार्यकारी नहीं होता है (मत्ती ५:२०); क्योंकि परमेश्वर प्रेम है और मनों को जांचनेवाला है, जो सब कुछ जांचता है। और उसी ने ही के द्वारा ` मन में ड़ाला गया है ( रोमियों ५:५)| अपना प्रेम पवित्र आत्मा ` R ODaily Bread प्रभु येशू मसीह ने हमारे लिए जो अपने ही देह का बलिदान चढ़ाया है, वह बिना प्रेम के किया गया धर्माचरण नहीं है परन्तु उसने पिता से और हमसे प्रेम रखा और उस प्रेम के द्वारा ही अपना धर्माचरण पुरा किया, जो प्रेम सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है॰ सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता हैं। इसलिए वचन कहता है कि बिना प्रेम के किया गया बलिदान व्यर्थ है (१ कुरून्थियों १३३) इसलिए हमारा उसपर  किया गया विश्वास भी बिना प्रेम का हो और हम केवल धर्माचरण पूरा करने के लिए मंदिर में आते है, परन्तु उसके वचन सुनकर उसपर मन न लगाए और उसके अनुसार न चले , तो हमने अपने प्रभु की सही पहचान नहीं की है कि वह मंदिर से भी बड़ा है और परमेश्वर दया से प्रसन्न होता है, बलिदान से नहीं| और जो इसे नहीं समझते , वे निर्दोष को दोषी ठहराते है और पाप का समर्थन कर सकते हैं (मत्ती १२३७) और मसीह येशू, जिसने अपने लहू के द्वारा हमें जो अनन्त छुटकारा दिया और जो सारे जगत का प्रायश्चित ठहरा हैं, उसे तुच्छ जानकर हम इतने बड़े उद्धार के विषय में निश्चिंत रहे, तो हम बच नहीं सकते ( इब्रानियों २:१ ४)| इसलिए परमेश्वर ने विश्वास  के द्वारा प्रायश्चित होने के लिए येशू मसीह को हमारे आगे ठहराया है, जो विश्वास बिना प्रेम के द्वारा कार्यकारी नहीं होता है (मत्ती ५:२०); क्योंकि परमेश्वर प्रेम है और मनों को जांचनेवाला है, जो सब कुछ जांचता है। और उसी ने ही के द्वारा ` मन में ड़ाला गया है ( रोमियों ५:५)| अपना प्रेम पवित्र आत्मा ` R - ShareChat