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#✍️ अनसुनी शायरी #💝 शायराना इश्क़ #✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 #💞दिल की धड़कन #💔दर्द भरी कहानियां
✍️ अनसुनी शायरी - जाने क्यों आती है याद तुम्हारी, चुरा ले जाती है आंखो से नींद हमारी, अब यही ख्याल रहता है सुबह शाम , कब होगी 344 मुलाकात हमारी I...s जाने क्यों आती है याद तुम्हारी, चुरा ले जाती है आंखो से नींद हमारी, अब यही ख्याल रहता है सुबह शाम , कब होगी 344 मुलाकात हमारी I...s - ShareChat